दिल्ली विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र का आज से आगाज, हंगामे के दिख रहे पूरे- पूरे आसार
दिल्ली। विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र का आगाज सोमवार से शुरू होगा। 16 से 18 जनवरी तक चलने वाले सत्र में हंगामे की संभावना है। एक तो भाजपा सत्र को दस दिनों तक बढ़ाने की मांग कर रही है, वहीं एमसीडी मेयर चुनाव को लेकर चल रहे घमासान और उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच चल रहे टकराव का भी असर विधानसभा सत्र के दौरान भी देखने को मिलेगा।
दिल्ली विधानसभा सत्र को लेकर पक्ष व विपक्ष ने पूरी रणनीति तैयार कर ली है। सत्ता पक्ष जहां उपराज्यपाल को लेकर हमलावर दिखेगा और चुनी हुई सरकार के कामकाज में बाधा डालने को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेगा तो विपक्ष के सदस्य भी दिल्ली सरकार को कामकाज के मसले पर कठघरे में खड़े करेंगे। सत्ता पक्ष मोहल्ला क्लीनिक व एमसीडी मेयर के चुनाव को लेकर निंदा प्रस्ताव भी ला सकती है।
विपक्ष का कहना है कि दिल्ली सरकार तानाशाह हो गई है। जनता के सवालों से बचना चाहती है, यही वजह है कि सत्र की अवधि कम रखी गई है। जनता के सवालों से बचने की कोशिश कर रही है और विधानसभा सत्र से प्रश्नकाल को हटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि अगर चर्चा के लिए और सत्र की आवश्यकता पड़ी तो इसे एक दो दिन के लिए बढ़ाया भी जा सकता है। सरकार के मुद्दों को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष इस पर अंतिम निर्णय लेंगे। कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी सदस्यों को सदन के अंदर मास्क पहनकर आने को कहा है।
इन मुद्दों पर छिड़ सकती है बहस
एमसीडी सदन की हालिया बैठक के अलावा मेयर चुनाव विवाद पर टकराव की स्थिति रहेगी।
उपराज्यपाल व दिल्ली सरकार के बीच टकराव पर दोनों पार्टी आरोप-प्रत्यारोप कर हंगामा कर सकती है।
आप नेता कुछ अधिकारी पर केंद्र सरकार के दबाव में महत्वपूर्ण फाइल को दबाने का आरोप लगा सकती है। भाजपा बार-बार कोशिश करेगी कि जनहित के मुद्दे पर बहस हो, विकास को मुद्दा बनाएगी।
मोहल्ला क्लीनिक विवाद भी सदन में सत्ता पक्ष जोर-शोर से उठाने की तैयारी में है।
सीबीआई छापे को भी सत्ता पक्ष मुद्दा बनाएगी।