उत्तराखंड के एक छोटे से गांव के संजय चमोली पांच साल से अकेले ही अपने खेतो व सामाजिक संस्था के साथ मिलकर कर रहे पौधे रोपण का कार्य
देहरादून। उत्तराखंड के एक छोटे से गांव देवीपुर (ईस्ट होप टाउन) से संजय चमोली की इस दीवानगी का आलम यह है कि बीते पांच साल में वह अकेले ही अपने खेतो व सामाजिक संस्था के साथ मिलकर पौधे रोपण का कार्य कर रहे है। एकला चलो की राह पर आगे बढ़ते हुए उन्होंने पौधों की देखभाल शुरू की तो लोग भी साथ आने लगे।
बचपन से पेड़- पौधों से लगाव रखने वाले संजय चमोल पिता हर्षमणी चमोली का अपनी खेती बाड़ी का कार्य है। बीएससी बायो ग्रुप तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद उन्होंने प्राइवेट कंपनी में कार्य आरम्भ किया । संजय चमोली बताते हैं ‘प्रकृति प्रेमी होने की वजह से वह अपने स्कूल के दिनों में भी सहपाठियों को पौधे रोपने के लिए प्रेरित करते थे।
वह बताते हैं कि पौधो के प्रति प्रेम के उन्होंने अपने खेतो में बिना किसी सरकारी सहायता के मेडिसिनल प्लांट व एसेंसिअल प्लांट भी उगाये है और इनको उगाने का उद्देश्या है की आने वाली पीढ़ी इन जीवन रक्षक पोधो के बारे में जान सके।
संजय चमोली बताते है अगर किसी सरकारी संस्था का सहयोग मिल जाये तो इस क्षेत्र में स्वास्थ के साथ- साथ स्वरोज़गार भी मिलेगा और पर्यावरण भी संतुलित रहेगा।