Home ब्लॉग संतुलित बजट की आस

संतुलित बजट की आस

सतीश सिंह
एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का 5वां आम बजट पेश करेंगी।
यह वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा। इसलिए आमजन, बुजुर्ग, कारोबारी और कॉरपोरेट्स सभी बजट में राहत की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन मुझे लगता है कि सरकार लोकलुभावन बजट पेश करने से परहेज करेगी क्योंकि विपक्ष कमजोर है। सभी विपक्षी दल साथ मिलकर भी भाजपा को शायद ही आम चुनाव में शिकस्त दे पाएं। भाजपा को यह वस्तुस्थिति मालूम है। इसलिए सरकार चाहेगी कि ऐसा बजट पेश किया जाए, जिससे विकास गति में तेजी बरकरार रहे और आमजन को भी कोई परेशानी नहीं हो।

किसानों की अपेक्षा है कि खेती-किसानी को किसानों के अनुकूल बनाया जाए ताकि उनका आर्थिक जीवन आसान बन सके और उनकी अगली पीढ़ी खेती-किसानी करने के लिए प्रेरित हो। महंगाई के लगातार उच्च स्तर पर बने रहने के कारण आम आदमी का जीना मुहाल है। इसलिए वह चाहता है कि महंगाई कम करने के उपाय बजट में किए जाएं। वैसे, खुदरा महंगाई दिसम्बर महीने में कम होकर 1 साल के निचले स्तर 5.72त्न पर पहुंच गई है। विगत वर्षो में इंसान की औसत आयु में इजाफा हुआ है, जिससे सम्मानजनक जीवन जीने की  चाहत बढ़ी है। वृद्धजन चाहते हैं कि वृद्धावस्था पेंशन में वृद्धि की जाए, आयकर में राहत मिले। बुजुगरे द्वारा इस्तेमाल करने वाले उत्पादों डायपर, दवाएं, व्हीलचेयर, वॉकर जैसे स्वास्थ्य उपकरणों पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में राहत मिले। मेडिक्लेम नीतियां सकारात्मक बनाई जाएं।

चिकित्सा परामर्श शुल्क में कमी लाई जाए। यह भी चाहते हैं कि बैंक, डाकघर, अन्य निवेश योजनाओं पर ब्याज दर में वृद्धि की जाए। मध्यम वर्ग चाहता है कि आयकर और रोजमर्रा की वस्तुओं पर जीएसटी दर में कटौती की जाए। कारोबारी और कॉरपोरेट कारोबार में लालफीताशाही से निजात और कर में छूट पाना चाहते हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या सरकार सभी की अपेक्षाओं को पूरा करने में समर्थ है? सभी की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए सरकार का खजाना भरा हुआ होना चाहिए। कुछ महीने से जीएसटी संग्रह में लगातार वृद्धि हो रही है।

सितम्बर में जीएसटी 1.48 लाख करोड़ रहा जबकि दिसम्बर में यह 1.50 लाख करोड़ रुपये रहा। लगातार दसवां महीना है, जब जीएसटी संग्रह 1.40 लाख करोड़ से अधिक रहा है। सकल व्यक्तिगत आयकर संग्रह नवम्बर तक 8.77 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जबकि 10 नवम्बर तक कॉरपोरेट सकल कर संग्रह 10.54 लाख करोड़ रुपये था, जो पिछले साल की समान अवधि से 30.69 प्रतिशत अधिक है। एक अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष राजस्व संग्रह के बजटीय लक्ष्य को हासिल कर सकती है, लेकिन विनिवेश लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी क्योंकि अब चालू वित्त वर्ष के समाप्त होने में महज 2 महीने बचे हैं, और सरकार को मामले में कोई उल्लेखनीय सफलता नहीं मिली है।

एक अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष में सरकार राजकोषीय घाटा को 6.4 प्रतिशत के स्तर पर रखने के लक्ष्य को हासिल कर सकती है और अगले वित्त वर्ष में इसमें 0.50 प्रतिशत की कमी लाने में सफल हो सकती है, क्योंकि चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह में उल्लेखनीय तेजी आई है। बता दें कि राजकोषीय घाटा कुल आय और व्यय का अंतर होता है, और जब सरकार आय से ज्यादा व्यय करती है, तो घाटे को पाटने या उसमें कमी लाने के लिए उसे बाजार से कर्ज लेना पड़ता है। चालू वित्त वर्ष में राजस्व संग्रह की स्थिति बेहतर है, लेकिन मौजूदा परिवेश में विश्व के अन्य देशों की तरह भारत भी महंगाई, आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती, भू-राजनैतिक तनाव और कोरोना महामारी के दुष्परिणाओं से जूझ रहा है। विश्व के अनेक देश मंदी के जाल में फंसने के कगार पर हैं। हालांकि उपलब्ध संकेतकों के अनुसार भारत मंदी के दुष्परिणाओं से बचा हुआ रहेगा, लेकिन मौजूदा स्थिति को बरकरार रखने के लिए भारत को अपने विकासात्मक कार्य जारी रखने होंगे।
अभी कुछ आर्थिक मुश्किलें सरकार के समक्ष जरूर हैं, लेकिन राजस्व संग्रह में तेजी बने रहने से सरकार पूंजीगत व्यय में इजाफा करने के साथ-साथ विकासात्मक और कल्याणकारी, दोनों मोचरे पर आगामी वित्त वर्ष में काम कर सकती है। एक रिपोर्ट के अनुसार आम बजट के बाद करीब 35 से अधिक वस्तुओं की जीएसटी दर में सरकार वृद्धि कर सकती है। राजस्व संग्रह की मौजूदा गति को बरकरार रखने के लिए ऐसा कदम सरकार द्वारा उठाया जाना जरूरी भी है। इस क्रम में प्राइवेट जेट, हेलीकॉप्टर, महंगे इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, प्लास्टिक के सामान, ज्वैलरी, हाई-ग्लॉस पेपर, विटामिन आदि जीएसटी दर में बढ़ोतरी की जा सकती है।

सरकार वैसी वस्तुओं के आयात को भी कम करना चाहती है, जिससे आयात बिल में कमी आए और ‘मेक इन इंडिया’ की संकल्पना को भी बल मिले। इस आलोक में कुछ वस्तुओं पर बजट में कस्टम ड्यूटी में इजाफा किया जा सकता है। ऐसा करने से दो फायदे होंगे। पहला, देश का चालू खाता घाटा कम होगा; और दूसरा, ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती मिलेगी। देश अर्थव्यवस्था के अनेक मानकों पर कोरोना काल से पहले वाली अवस्था में पहुंच चुका है, बावजूद इसके बढ़ती महंगाई, वैश्विक स्तर पर भू-राजनैतिक तनाव बने रहने के कारण सरकार के लिए जरूरी है कि वह संतुलित बजट पेश करे अर्थात कल्याणकारी कार्यों पर खर्च करे, लेकिन फ्री में वस्तुएं बांटने से परहेज करे और विकासत्मक कार्यों को बढ़ावा दे।

लिहाजा, एक फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट में सरकार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सडक़ निर्माण एवं मरम्मत, रेल संपर्क में मजबूती, रोजगार अवसर बेहतर करने के लिए कारोबारी माहौल को और भी बेहतर करने की पहल के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य अवसंरचना को मजबूत करने की घोषणा कर सकती है। सरकार उर्वरक सब्सिडी में कटौती करने से बचेगी एवं खेती-किसानी को मुफीद और आसान बनाने वाले उपायों का ऐलान कर सकती है। मध्यम वर्ग और बुजुगरे को राहत देने की घोषणा भी वित्त मंत्री कर सकती हैं। चूंकि अभी पड़ोसी देशों के साथ ज्यादा तनाव नहीं है, इसलिए वित्त मंत्री रक्षा खर्च में बढ़ोतरी करने से बच सकती हैं।

RELATED ARTICLES

कब शांत होगा मणिपुर?

बेशक कहा सकता है कि आरंभ में केंद्र सरकार मणिपुर में विस्फोटक हो चुकी हालत का सटीक जायजा लेने में नाकाम रही। वरना, अब...

नार्को टेस्ट : आंदोलन की दिशा बदल न जाए

राजेंद्र सजवान कुश्ती फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर-मंतर पर धरना प्रदर्शन कर रहे पहलवानों द्वारा छोड़ा गया...

मोदी की नौ उपलब्धियां

हरिशंकर व्यास उफ, वक्त ! पल-पल स्यापा, फिर भी गुजर गए नौ वर्ष। पता नहीं नौ वर्षों में 140 करोड़ लोगों में कितनों के दिन...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Latest Post

त्वचा को ठंडक पहुंचाने के लिए आप भी रगड़ते हैं आइसक्यूब तो जान लीजिए ये जरूरी बात

गर्मियों में त्वचा का ख्याल रखना काफी जरूरी होता है। क्योंकि गर्मी और धूप का असर सबसे ज्यादा आपके चेहरे पर ही पड़ता है।...

जम्मू के राजोरी में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर, इलाके में तलाशी अभियान जारी

जम्मू। जिला राजोरी के दस्सल इलाके के साथ लगते जंगलों में आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई है। बताया जा रहा है कि...

भारत में आईफोन की जोरदार कमाई, एक माह में हुई 25 करोड़ रुपये की बिक्री

नई दिल्ली। आईफोन को लेकर भारतीयों में कितनी दीवानगी है, इसका उदाहरण यही है कि एपल ने भारत में मुंबई और दिल्ली में नए...

मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं मंडल के 16 पौराणिक मंदिरों को किया जाएगा विकसित- सीएम धामी

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत कुमाऊं मंडल के 16 पौराणिक मंदिरों को विकसित किया जाएगा,...

चौहरे हत्याकांड में शामिल बाप बेटे यूपी से गिरफ्तार

बाप-बेटे पर था 50-50 हजार का इनाम लक्सर के चौहरे हत्याकांण्ड में शामिल फरार अपराधियों में से एसटीएफ ने अब तक 4 इनामी अपराधियों की...

महेश बाबू की फिल्म एसएसएमबी28 का नया पोस्टर रिलीज, पिता कृष्णा को किया समर्पित

महेश बाबू का नाम दक्षिण भारतीय सिनेमा के बेहतरीन अभिनेताओं की सूची में शुमार है। मौजूदा वक्त में वह अपनी आगामी फिल्म  एसएसएमबी28 को...

शिक्षा के अधिकार के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए 8 जून को निकलेगी लॉटरी, 25 प्रतिशत सीटों पर होंगे बच्चों के दाखिले

देहरादून। शिक्षा के अधिकार (राइट टू एजुकेशन-आरटीई) अधिनियम के तहत निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए बच्चों की लॉटरी अब 8 जून को निकलेगी। पहले...

राजकीय संयुक्त उपजिला चिकित्सालय श्रीनगर गढ़वाल में मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर डॉ नीरज राय ने किया ज्वाइन, गिनाई अपनी प्राथमिकतायें

श्रीनगर गढ़वाल। नवनियुक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ नीरज राय ने कहा उनकी प्राथमिकता रहेगी अस्पताल आने वाले प्रत्येक मरीज को समुचित इलाज और सरकारी...

हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाएगी मणिपुर हिंसा की जांच, शांति समिति होगी गठित

इंफाल। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मणिपुर दौरे पर हैं। इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमित शाह ने एलान किया कि...

कब शांत होगा मणिपुर?

बेशक कहा सकता है कि आरंभ में केंद्र सरकार मणिपुर में विस्फोटक हो चुकी हालत का सटीक जायजा लेने में नाकाम रही। वरना, अब...