उत्तराखंड

मुफ्त का पानी पीने वालों पर सख्ती करने जा रही धामी सरकार, भूजल का इस्तेमाल करने के लिए तय होंगी दरें

देहरादून। उत्तराखंड में फ्री का पानी पीने के लिए अब लोगों को पैसे चुकाने होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार मुफ्त का पानी पीने वालों पर सख्ती करने जा रही है। ऐसे लोगों पर धामी सरकार का ऐक्शन को जोरदार प्लान भी बनाया गया है। उत्तराखंड में बिना किसी मंजूरी और बिना कोई शुल्क दिए निजी बोरिंग कर ट्यूबवेल से पानी का इस्तेमाल करने वालों को झटका लगने जा रहा है। अब उनसे भी वसूली की तैयारी है। इसके लिए शासन ने जल संस्थान को निजी बोरिंग कर भूजल का इस्तेमाल करने वालों के लिए भी पानी की दरें तय करने के निर्देश दिए हैं।  उत्तराखंड में भूजल के दोहन को लेकर किसी भी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है।

घरों से लेकर होटल, स्कूल, कालेज अस्पताल, रिजॉर्ट, उद्योगों, स्टेडियम में बिना किसी मंजूरी के ही निजी बोरिंग कर ट्यूबवेल लगा दिए जाते हैं। इन निजी ट्यूबवेलों से कितने पानी का इस्तेमाल हो रहा है। जिन क्षेत्रों में ये ट्यूवबेल लगे हैं, वहां भूजल की क्या स्थिति है। इसे लेकर कोई निगरानी सिस्टम नहीं है। अब भूजल के इस दोहन को नियंत्रित करने और इससे राजस्व वसूलने की तैयारी है। सचिव पेयजल नितेश झा ने जल संस्थान को निर्देश दिए हैं कि विभाग बिना मंजूरी के बने निजी ट्यूबवेल से भी शुल्क वसूले। इसके लिए पानी की  दरों को तय किया जाए।

किस संस्थान में पानी की कितनी खपत है और कितने ट्यूवबेल का इस्तेमाल कर पानी उपयोग में लाया जा रहा है, उसके अनुसार पानी की दरें तय की जाएंगी। जल संस्थान को भूजल के हो रहे दोहन को लेकर एक व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए गए हैं। भूजल के दोहन पर इस्तेमाल किए जाने वाले पानी का शुल्क वसूला जाएगा। जल संस्थान को इन निजी बोरिंग के लिए पानी का शुल्क तय किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

antalya bayan escort