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आगरा में फर्जी दस्तावेजों से कंपनी बनाकर आरोपी ने करोड़ों रुपए की ठगी को दिया अंजाम, छह लोग गिरफ्तार

आगरा। थाना हरीपर्वत क्षेत्र के वृंदावन टावर में ऑफिस खोलकर चेन्नई और बेलगांव की कंपनी से एक करोड़ के मसाले और काजू हड़प करने वाले गैंग के छह सदस्यों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की पूछताछ करने पर आरोपियों ने अपना नाम सौरभ पालीवाल, राजवीर संदीप उर्फ शिवम, अमित, ललित उर्फ राहुल और संजय बताया है। सौरभ ने बताया कि उसने बीए द्वितीय वर्ष तक पढ़ाई की है। उसके बाद वर्ष 2019 में जॉब करने के लिए गुरुग्राम में मोबाइल की दुकान में रिपेयरिंग का काम लगभग छह से सात माह सीखा, जिससे मोबाइल के सम्बन्ध में सारी जानकारी उसे है। वर्ष 2020 के अन्त में गुरुग्राम स्थित नेचुरल एसेनसन कम्पनी ज्वॉइन की, जिसमें ड्राईफ्रूट्स का काम होता था।

वहां उसे पर्चेस एग्जीक्यूटिव की जॉब मिली। वहां से वर्ष 2021 में काम छोड़ दिया।  वहां से दिल्ली, गाजियाबाद, गुरुग्राम आदि राज्यों के व्यापारियों से संपर्क हो गया। नौकरी करने के दौरान उसे सम्बन्धित सभी बेवसाइट की भी जानकारी हो गई। वेबसाइट से ही उसे सारे राज्यों के बड़े-बड़े व्यापारियों के मोबाइल नम्बर प्राप्त हो गए, जिन्हें नौकरी के दौरान अपने पास सेव करके रख रहा था।

उसके बाद वर्ष 2022 में एमए ट्रेडिंग कम्पनी में पर्चेस एवं सेल्स का काम मिल गया, जिससे ज्यादा से ज्यादा व्यापारियों के सम्पर्क में रहने लगा और इस काम की पूरी जानकारी हो चुकी थी। वर्ष 2022 के अन्त में नौकरी छोड़ दी और करोड़ों रुपये कमाने के लिए अपने बिजनेस करने की सोची। मथुरा में घर होने के कारण आगरा में बिजनेस करने की योजना बनायी।
योजना के अनुसार जनवरी 2023 में आगरा के संजय प्लेस में श्रीवृन्दावन टावर में ऑफिस खोला और सोशल साइट्स के माध्यम से जॉब के लिए विज्ञापन निकाला। उसके बाद आगरा सहित अन्य राज्यों के लोग भी मिल गए। उन लोगों के साथ व्यापारियों से सम्पर्क करना शुरू कर दिया और फर्जी आधार कार्ड, डेबिट कार्ड सहित अन्य दस्तावेज बनवाए। फर्जी नाम से बैंकों में खाता खुलवाया। अपना व अपने साथियों के नाम बदलकर व्यापार करना शुरू कर दिया।
सबसे पहले बदायूं से तीस हजार रूपये का मखाना मंगवाया और व्यापारी का भरोसा जीतने के लिए उसका पेमेन्ट कर दिया और दोबारा उससे लगभग दो लाख रूपये का मखाना मंगाया और पेमेन्ट नहीं किया। उसके बाद दिल्ली से 300 किलो काजू एवं फिर से 10 कुन्तल काजू, दरभंगा से 10 कुन्तल, बिहार से 800 किलो, कर्नाटक से 10 कुन्तल, बेंगलूरू सहित अन्य राज्यों से माल मंगाता रहा और इन लोगों को छोटी डील का पैसा भरोसा जगाने के लिए भेज देता था, किन्तु बड़ी डील के पेमेन्ट को रोक लेता था।
इस माल को दिल्ली, गाजियाबाद सहित अन्य स्थानों पर अपनी फर्म का टैग लगाकर बेचते थे। इस प्रकार लालच बढ़ता गया और ज्यादा रूपये कमाने के लिए बड़ी डील करने की योजना बनायी और योजना के अनुसार करोडों का माल मंगाने के बाद पेमेन्ट नहीं किया और ऑफिस का ताला लगा दिया। इसके बाद गोदाम हलवाई बगीची से आईएसबीटी शिफ्ट कर लिया था।

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