उत्तराखंड

राजाजी टाइगर रिजर्व से लापता हुई बाघिन, खोजबीन में जुटी वन कर्मियों की टीम

देहरादून। राजाजी टाइगर रिजर्व से पिछले दिनों लापता हुई बाघिन की खोजबीन में जुटी वन कर्मियों की टीम को रामगढ़ व चिल्लावाली रेंज में बाघिन के पैरों के निशान मिले हैं। पार्क अधिकारियों का दावा है कि यह वही बाघिन है, जो कार्बेट से मोतीचूर लाई गई है और पिछले कुछ दिनों से दिखाई नहीं दे रही थी।

मोतीचूर की बाघिन के पदचिह्नों से मिलान

मोतीचूर की रेंज अधिकारी आलोकी ने बताया कि प्लास्टर आफ पेरिस से इनके नाप लेकर मोतीचूर की बाघिन के पदचिह्नों से मिलान किया गया, जिससे इस बात की पुष्टि हो रही है कि यह पदचिह्न उसी बाघिन के हैं, जिसे लापता बताया जा रहा था।

उन्होंने बताया कि यह बाघ का स्वभाव है कि वह एक स्थान पर अधिक दिनों तक नहीं रहता। कई बार तो वह महीने भर के लिए काफी दूर निकल जाता है। यह बाघिन भी लगातार मूव कर रही है। पिछले दिनों बेरीबाड़ा रेंज में भी इसके पैरों के निशान मिले थे। उन्होंने बताया कि जिस क्षेत्र में बाघिन की लोकेशन मिली है, वहां कैमरा ट्रैप लगा दिए गए हैं।

24 दिसंबर 2020 को एक बाघिन को राजाजी लाया गया था

उम्मीद है जल्द ही उसकी तस्वीरें भी इन कैमरों में कैद हो जाएगी। बता दें कि राजाजी टाइगर रिजर्व के दक्षिणी हिस्से में बाघों का कुनबा बढ़ाने के लिए जिम कार्बेट पार्क से बीते 24 दिसंबर 2020 को एक बाघिन व नौ जनवरी 2021 को एक बाघ को मोतीचूर रेंज में लाया गया है।

पार्क अधिकारियों ने राहत की सांस ली

बीते कुछ दिनों से बाघिन की लोकेशन मोतीचूर व आस-पास रेंज में नहीं मिल रही थी, जिसके बाद उसको तलाशने के लिए वन कर्मियों की चार टीम लगाई गई। बहरहाल बाघिन की लोकेशन रामगढ़ चिल्लावाली रेंज क्षेत्र में मिलने से पार्क अधिकारियों ने राहत की सांस ली है।

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