हाकम के बाद पेपर लीक मामले में गैंगस्टर बनाए गए चंदन मनराल की संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी
देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने 21 आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी। इसके बाद सभी की अवैध संपत्तियों का ब्योरा जुटाना शुरू किया गया था। गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई पर आरोपियों की संपत्तियों को जब्त और ध्वस्त करने का भी प्रावधान है। इसी क्रम में एसटीएफ ने पहले हाकम सिंह की संपत्तियों पर कार्रवाई की थी। पिछले दिनों सांकरी स्थित उसके चार रिजॉर्ट गिराए गए थे। जिला प्रशासन की मदद से उसके सेब के बागीचों को उद्यान विभाग को हवाले करने का फैसला हुआ था।
वहीं अब पेपर लीक मामले में गैंगस्टर बनाए गए कुमाऊं के चंदन मनराल की भी अवैध रूप से कमाई गई संपत्तियों को जब्त करने की तैयारी कर ली गई है। एसटीएफ ने जिला प्रशासन की मदद से जब्त और ध्वस्तीकरण के लिए संपत्तियों की सूची तैयार कर ली है। मनराल को दरोगा भर्ती मामले में भी आरोपी बनाया गया है। इस मामले में उसकी संपत्तियों की जांच विजिलेंस भी करेगी। मनराल एक स्टोन क्रशर चलाता है। एक एनजीओ भी संचालित करता है। उसकी 13 बसें हैं। इनमें से 10 स्कूल में और तीन बसें पहाड़ी रूट पर चलती हैं। पीरूमदारा में 15 एकड़ और 10 बीघा जमीन रामनगर में है। मनराल को भी दो बड़ी पार्टियों के नेताओं का संरक्षण प्राप्त था। वर्तमान में वह दो मुकदमों में जेल में बंद है। उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की गई है।
पेपर लीक और दरोगा भर्ती घपले में 10 आरोपियों की संपत्तियों का आकलन अब सात साल पहले से किया जाएगा। सभी आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की गई है। अभी तक इनके ऊपर 2021 में स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में धांधली का आरोप था। ऐसे में उनकी उन संपत्तियों को जब्त और ध्वस्त किया जाना था जो इस दरम्यान की हों। लेकिन, अब इनके खिलाफ 2015 में दरोगा भर्ती धांधली का मुकदमा भी विजिलेंस ने दर्ज कर लिया है। गैंगस्टर एक्ट के प्रावधानों के अनुसार, इनकी संपत्तियों का आकलन अब 2015 से किया जाएगा। यानी इन्होंने सात वर्षों में जो भी संपत्तियां अर्जित की हैं, उन्हें जब्त और ध्वस्त किया जाएगा। इन आरोपियों में मुख्य रूप से हाकम सिंह, चंदन मनराल, केंद्रपाल, सादिक मूसा और राजेश कुमार चौहान शामिल हैं।
एसटीएफ इस वक्त चार भर्ती परीक्षाओं में धांधली की जांच कर रही है। इनमें अब तक 51 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वीपीडीओ भर्ती धांधली में छह, वन दरोगा में तीन और सचिवालय रक्षक भर्ती धांधली में एक गिरफ्तारी हुई है।