उत्तराखंड

सीएम धामी की पहल का दिखने लगा असर, सत्ता के साथ विपक्ष के विधायकों ने भेजे प्रस्ताव

देहरादून। सीएम धामी की पहल का असर दिखाई देने लगा है। सत्ता के साथ विपक्ष के विधायकों ने भी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र से जुड़े 10-10 प्रस्ताव भेज दिये हैं। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के लिए बने नोडल अफसरों ने विधायकों से प्राप्त प्रस्तावों को घोषणा प्रकोष्ठ को भेजना शुरू कर दिया है। गढ़वाल क्षेत्र के नोडल अफसर अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने घोषणा प्रकोष्ठ को प्रस्ताव भेजे जाने की पुष्टि की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधायकों से उनके क्षेत्र में कराए जाने वाले 10 औचित्यपूर्ण कार्यों के प्रस्ताव मांगे हैं। इन प्रस्तावों की मॉनिटरिंग अब घोषणा प्रकोष्ठ करेगा। ये सभी प्रस्ताव मुख्यमंत्री की घोषणा का हिस्सा बनेंगे। गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के लिए बने नोडल अफसरों ने विधायकों से प्राप्त प्रस्तावों को घोषणा प्रकोष्ठ को भेजना शुरू कर दिया है। गढ़वाल क्षेत्र के नोडल अफसर अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने घोषणा प्रकोष्ठ को प्रस्ताव भेजे जाने की पुष्टि की है। माना जा रहा है कि घोषणा प्रकोष्ठ इनमें से औचित्यपूर्ण प्रस्तावों को विभागों को भेजेगा और इनके क्रियान्वयन के लिए लगातार मॉनिटरिंग करेगा। इन प्रस्तावों को मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप ही प्राथमिकता दी जाएगी।

गढ़वाल के इन विधायकों ने भेजे प्रस्ताव
टिहरी के विधायक किशोर उपाध्याय, लक्सर के विधायक शहजाद, झबरेड़ा के विधायक वीरेंद्र कुमार, रायपुर के उमेश शर्मा काऊ, यमकेश्वर की विधायक रेनु बिष्ट, कैंट की सविता कपूर, खानपुर के विधायक उमेश कुमार, चौबट्टाखाल से विधायक मंत्री सतपाल महाराज, यमुनोत्री विधायक संजय डोभाल, पिरान कलियर से हाजी फुरकान अहमद, प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी, थराली के विधायक भूपाल राम टम्टा ने अपने-अपने क्षेत्रों के 10-10 प्रस्ताव भेज दिए हैं।

कुमाऊं के विधायकों के प्रस्ताव सीधे घोषणा प्रकोष्ठ को

कुमाऊं मंडल के नोडल अफसर नवनीत पांडेय का कहना है कि विधायकों के प्रस्ताव सीधे घोषणा प्रकोष्ठ को भेजे जा रहे हैं। कितने विधायकों ने उन्हें प्रस्ताव भेजे हैं, इस बारे में वह सोमवार तक ही जानकारी दे पाएंगे।

कोई मेडिकल कॉलेज तो कोई चाहता है केंद्रीय विद्यालय बनवाना
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुरोध पर विधायकों के जो प्रस्ताव शासन को प्राप्त हो रहे हैं, उनमें कोई विधायक अपने चुनाव क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने की मांग कर रहा है तो किसी ने केंद्रीय विद्यालय मांगा है। ऐसे में शासन के सामने इन प्रस्तावों के लिए पैसे की व्यवस्था करने की चुनौती भी होगी।

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