उत्तराखंड

पद्मश्री सम्मानित अंतराष्ट्रीय पर्वतारोही एवरेस्ट विजेता बछेंद्री पाल ने की बेडू उत्पादों और प्रयासों की सराहना

देहरादून। उत्तराखंड के पौड़ी जिले की यमकेश्वर विधानसभा क्षेत्र के बिजनी छोटी में हर्बल उत्पादों का निर्माण कर रहे बेडू ग्रुप ने पद्मश्री से सम्मानित अंतराष्ट्रीय पर्वतारोही बछेंद्री पाल माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला है, जिन्होंने सन 1984 में इन्होंने माउंट एवरेस्ट फतह किया था और वे एवरेस्ट की ऊंचाई को छूने वाली दुनिया की पाँचवीं महिला पर्वतारोही हैं, जो वर्तमान में वे इस्पात कंपनी टाटा स्टील में कार्यरत हैं, को बेडू कम्पनी से जुड़े अमित अमोली और हरीश कंडवाल “मनखी” ने बेडू हर्बल उत्पादों कि बतौर शिष्टाचार समूण भेंट की।

बेडू द मिशन प्राइवेट लिमिटेड के ट्रेडिंग एंड प्रोडक्शन डायरेक्टर अमित अमोली ने बेडू ग्रुप द्वारा तैयार किये जा रहे हर्बल प्रोडक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमने यह सब प्रोडक्ट आमजनमानस के स्वास्थ्य औऱ पर्यावरण को ध्यान में रखकर बनाये है, साथ ही जन सामान्य के लिये किफायती दरों में उपलब्ध कराए है। हमारी हर्बल उत्पादों की टीम में स्थानीय 100 से अधिक लोगों की मेहनत जुड़ी हुई है यह सभी पूंजी लगाने के साथ बेडू को ब्रांड बनाने में योगदान दे रहे हैं। बेडू के जो प्रोडक्ट लांच हुए है उनमें सेनेटाइजर, हैंड वाश, बॉडी लोशन, हेयर ऑयल, हैंड मेड गोट मिल्क कोकोनट एंड वनीला साबुन, हैंड मेड चारकोल एंड वनीला साबुन, कंडेशनिंग हेयर क्लीनर, मॉश्चराइजिंग बॉडी वाश, हैड वाश, मॉश्चराइजिंग एंड बॉडी लोशन, फेस वॉश, सनस्क्रीन लोशन, प्यूरिफाइंग उबटन, हिमालयन पिंक साल्ट स्क्रब एंड बॉडी पॉलिशर, वालनट फेस स्क्रब आदि लॉन्च हो गए हैं जो बाजार में उपलब्ध हैं।

बेडु के उत्पादों की अगर बात की जाय तो इसने शैम्पू, साबुन, तेल इत्यादि के उत्पाद में यहां पर्याप्त मात्रा में होने वाले भेमल के पेड़ के पत्ते, रेशे, बीज इत्यादि का भरपूर मात्रा में इस्तेमाल करते हुए इन उत्पादों को निर्मित किया है जो यकीनन बेहतरीन माने जा रहे हैं। बेडू द मिशन निकट भविष्य में भेमल, षण, भांग इत्यादि के रेशों से वस्त्र उत्पाद भी करेगी जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में खूब डिमांड है। उन्होंने कहा हमारा मकसद सिर्फ पलायन रोकना नहीं बल्कि रिवर्स माइग्रेशन करवाना भी है ताकि हमारे लोग अपनी जड़ों की ओर वापस लौटे।

बेडू कम्पनी के द्वारा भेमल से बने उत्पादों के बारे में जानकर पर्वतारोही बछेंद्री पाल ने कहा की भेमल तो हम उत्तराखंड के मन मानस में रचा बसा हैं, और यह हमारे लिए पहले से ही उपयोगी रहा है, आज इसकी उपयोगिता को हम भूल गए थे, बेडू कम्पनी ने इसकी उपयोगिता को आधुनिक जरूरत में तब्दील कर फिर से उपयोगी बना दिया है। उन्होने अपने अनुभव बताते हुए कहा की अब उत्तराखण्ड के हर्बल और जैविक उत्पादों, और भोज्य पदार्थो की माँग बढ़ने लगी है, बेडू से जुड़े सदस्यों को आज की आवश्यकता के अनुसार उपलब्ध कराने के लिए प्रयास करना चाहिए, इससे रोजगार के सृजन के साथ ही स्थानीय उत्पादों की माँग और उत्पादकता बढ़ेगी। उन्होंने बेडू के द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना करते हुए कहा की बेडू ने जो हर्बल उत्पाद तैयार किये है वह आम जनमानस की पहुँच में है, और हर व्यक्ति की जरूरत के अनुसार है, उन्होंने कहा की उत्तराखण्ड के पारम्परिक खाद्य पदार्थो को भी वर्तमान उपयोगिता के अनुसार उपलब्ध किया जाना आवश्यक है, इस पर विचार करने का सुझाव और अपने ट्रेकिंग के समय रेडीमेड खाद्य उत्पादों का अनुभव साझा किया।

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