देशभर की आउटसोर्स एजेंसियों का अध्ययन करेगा उत्तराखंड सेवायोजन विभाग
हल्द्वानी। उत्तराखंड सेवायोजन विभाग के 3 अफसर जल्द ही देशभर में घूमकर विभिन्न राज्यों की आउटसोर्सिंग एजेंसियों का अध्ययन करेंगे। खास बात ये होगी कि इन्हीं में से किसी एक एजेंसी का मॉडल, उत्तराखंड की भावी आउटसोर्सिंग एजेंसी (सेवायोजन विभाग) पर लागू किया जाएगा। सेवायोजन निदेशालय की ओर से इस संबंध में शासन से अनुमति मांगी गई है। उत्तराखंड में सेवायोजन विभाग को भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने की कसरत जारी है। 2021 में तत्कालीन श्रम मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा था कि राज्य सरकार नियुक्तियों के लिए सेवायोजन विभाग को नई आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने का मन बना रही है। सेवायोजन निदेशालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव शासन को भेजा था। मगर, प्रस्ताव कभी कैबिनेट में नहीं लाया जा सका।
2022 में शासन स्तर पर फिर से इस दिशा में प्रयास शुरू हुए। निदेशालय से नया प्रस्ताव मांगा गया। कौशल विकास एवं सेवायोजन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने भी देहरादून में विभागीय अफसरों की बैठक ली। मंत्री ने अफसरों से स्पष्ट कहा कि प्रस्ताव ऐसा हो जिसमें युवाओं को रोजगार के लिए भटकना न पड़े। जिसके बाद निदेशालय के अफसरों ने प्रस्ताव पर काम करना शुरू किया। जिलेवार पंजीकृत बेरोजगारों को उनके ही जिले में नौकरी देने, एक पद के लिए कम से कम 10 अभ्यर्थियों को प्रतिभाग कराने और भर्ती के लिए इंटरव्यू का अधिकार संबंधित जिले के डीएम को देने समेत कई अहम बिंदु शामिल कर प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया। हाल ही में प्रमुख सचिव ने सेवायोजन विभाग के अफसरों से सबसे बेहतर आउटसोर्सिंग एजेंसी के मॉडल वाले राज्यों की जानकारी मांगी।
इन अफसरों को मिली है जिम्मेदारी: विभाग ने राज्यों की आउटसोर्सिंग एजेंसियों के मॉडल का अध्ययन करने को एक क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी और दो जिला सेवायोजन अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है। इनमें क्षेत्रीय सेवायोजन अधिकारी देहरादून, जिला नैनीताल और पौड़ी के सेवायोजन अधिकारी शामिल हैं।