गैर नहीं अब सैलानियों की चहलकदमी से गुलजार रहेगा गौरसों
समुद्रतल से करीब 3056 मीटर की ऊंचाई पर स्थिति गौरसों में सालभर में कुछ चुनिंदा ट्रैकर ही पहुंचते हैं। गौरसों में सीजन में भारी बर्फबारी होती है। साल के ज्यादातर समय यहां बर्फ रहती है। इसलिए यदि यहां पर साहसिक गतिविधियों के लिए सुविधाएं जुटाई जाएं तो यहां काफी पर्यटन पहुंचेंगे और स्कीइंग व अन्य साहसिक गतिविधियों का रोमांच ले सकेंगे।
गौरसों को नए साहसिक पर्यटन स्थल के रूप में पहचान दिलाने के लिए कई विकास कार्य कराए जाने प्रस्तावित हैं। मुख्य रूप से औली से गौरसों तक रोपवे के निर्माण और रेसिंग ढलान के निर्माण की योजना है। इसके अलावा पर्यटकों के लिए ठहरने के लिए हट्स, खानपान के लिए कैफेटेरिया समेत अन्य सुविधाओं को विकसित किया जाएगा।
औली में कम बर्फबारी भी वजह
औली के ढलाननुमा पहाड़ स्कीइंग गतिविधियों के लिए सबसे बेहतरीन जगह हैं, लेकिन कई बार जनवरी व फरवरी माह में औली में कम बर्फबारी होने या बर्फ के न टिकने के कारण स्कीइंग खेलों का आयोजन नहीं हो पाता है। इसे देखते हुए औली से गौरसौं तक रोपवे का निर्माण प्रस्तावित है। ताकि गौरसों के ढलानों पर स्कीइंग हो सके।