खुशखबरी- अब महज 30 मिनट में पूरा हो जाएगा केदारनाथ धाम का सफर, पढ़िए पूरी खबर
वर्ष 2005 में गौरीकुंड-रामबाड़ा रोपवे की स्वीकृति भी मिली। तब, उत्तराखंड पर्यटन विभाग रोपवे निर्माण के लिए निजी कंपनियों से सर्वेक्षण कराया। जिस पर निर्माण की लागत 70 करोड़ बताई गई लेकिन किसी भी कंपनी ने हाथ आगे नहीं बढ़ाए। जून 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ को सड़क से जोड़ने के साथ ही यात्रा को सुलभ व सरल बनाने की मांग जोरों से उठने लगी।
साथ ही भाजपा व कांग्रेस सरकारों ने भी केदारनाथ को रोपवे से जोड़ने के लिए एक नहीं बल्कि सात बार घोषणा की। यहां तक कि केंद्रीय पर्यटन विभाग ने भी सर्वेक्षण कराया मगर बात नहीं बन पाई। वहीं, बीते वर्ष केंद्र सरकार ने आम बजट में केदारनाथ को रोपवे से जोड़ने की बात कही जिस पर त्वरित कार्रवाई की गई। नेशनल हाईवे लॉजिस्टक मैनेजमेंट लिमिटेड ने रोपवे निर्माण की प्रारंभिक कार्रवाई पूरी कर दी है। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केदारनाथ में रोपवे का शिलान्यास कर आम यात्रियों की वर्षों पुरानी मांग भी पूरी कर दी है। परियोजना से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि रोपवे की कुल लंबाई 13 किमी है, जिसका निर्माण दो फेज में होना है।