अक्टूबर का पहला पखवाड़ा बीतने के बाद भी राज्य में कम नहीं हुआ डेंगू का असर
देहरादून। अक्टूबर का पहला पखवाड़ा बीत चुका है, मगर राज्य में डेंगू का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। स्थिति यह है कि पारे में गिरावट के बावजूद मच्छर की सक्रियता कम होने का नाम नहीं ले रही है। इससे स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है।
सबसे ज्यादा मामले देहरादून में मिले
शुक्रवार को भी प्रदेश में डेंगू के 44 नए मामले मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा 22 मामले देहरादून जनपद में आए हैं। जबकि हरिद्वार में 13, पौड़ी में पांच व नैनीताल में चार व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि हुई है।
इस साल आए हैं डेंगू के 1651 मामले
राज्य में इस साल डेंगू के 1651 मामले आए हैं। इनमें सबसे अधिक 1187 मामले देहरादून जिले में आए हैं। इसके अलावा हरिद्वार में 226, पौड़ी में 128, नैनीताल में 56, टिहरी में 42 व ऊधमसिंह नगर में 12 व्यक्तियों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। अच्छी बात यह है कि डेंगू के अधिकांश मरीज ठीक हो चुके हैं।
रोकथाम को चलाया जा रहा अभियान
वर्तमान में जो डेंगू पीड़ित हैं उनकी स्थिति भी सामान्य बताई जा रही है। विभागीय अधिकारी लगातार दावा कर रहे हैं कि डेंगू की रोकथाम के लिए निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। जिन क्षेत्रों में डेंगू के मामले मिल रहे हैं, वहां सघन फागिंग और दवा का छिड़काव किया जा रहा है।
डेंगू से बचाव के लिए किया जा रहा जागरूक
नगर निगम, नगर पालिका और छावनी परिषदों के साथ मिलकर निरंतर डेंगू निरोधात्मक अभियान चलाया जा रहा है। विभिन्न माध्यमों से भी नागरिकों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आशाएं भी ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू से बचाव के लिए जागरूक कर रही हैं।
24 घंटे में कोरोना के छह मामले
डेंगू के बढ़ते प्रभाव के बीच कोरोना से अभी राहत है। शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के छह नए मामले मिले। देहरादून में तीन, नैनीताल, चमोली व ऊधमसिंह नगर में एक-एक व्यक्ति संक्रमित मिला।
अन्य नौ जिलों हरिद्वार, उत्तरकाशी, पौड़ी, बागेश्वर, चंपावत, अल्मोड़ा, टिहरी, उत्तरकाशी व रुद्रप्रयाग में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला है।
अस्पतालों में अलग से संचालित की जाएगी फीवर ओपीडी
वायरल बुखार व डेंगू के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब चिकित्सालयों में अलग से फीवर ओपीडी संचालित की जाएगी। प्रभारी स्वास्थ्य सचिव डा. आर राजेश कुमार ने डेंगू की रोकथाम के लिए सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
जिसमें कहा गया है कि चिकित्सालयों में फीवर ओपीडी चलाई जाए, ताकि रोगियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। डेंगू व चिकनगुनिया रोगियों की शुरुआती चरण में पहचान के लिए फीवर सर्वे और लक्षणों के आधार पर मरीज की जांच व उपचार के निर्देश भी उन्होंने दिए हैं। सचिव की ओर से जारी दिशा-निर्देश में कहा गया है कि डेंगू व चिकनगुनिया का कोई मरीज मिलने पर उस मरीज के घर के आसपास लगभग 50 घरों की परिधि में आवश्यक रूप से फागिंग, दवा का छिड़काव आदि कराया जाए। इसके अलावा जनपद स्तर पर गठित रैपिड रिस्पांस टीम क्षेत्र में सघन फीवर सर्विलांस व लार्वा निरोधात्मक कार्रवाई (सोर्स रिडक्शन) करे।