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विधानसभा चुनाव : हिमाचल में पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया शुरू

शिमला। हिमाचल प्रदेश में विधानसभा चुनावों के अंतर्गत पोस्टल बैलेट से मतदान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। पोस्टल बैलेट से मतदान की यह प्रक्रिया 9 नवम्बर तक चलेगी। इसके लिए चुनाव आयोग ने टीमों का गठन किया है। यें टीमें उन मतदाताओं के घर-घर जाकर मतदान करवाएगी, जिन्होंने 12-डी फार्म भरकर इसके लिए आवेदन किया है। 12-डी फार्म रिटर्निंग अधिकारी के माध्यम से जमा करवाए गए हैं। चुनावों के लिए सामान्य मतदान 12 नवम्बर को होना है।

प्रदेश में इस साल चुनाव आयोग ने कई श्रेणियों को पोस्टल मतदान का अधिकार दिया है। इस कड़ी में अनिवार्य सेवाओं के कर्मचारी, जिसमें डॉक्टर, पैरा मेडिकल स्टाफ, एंबुलैंस सेवा कर्मचारी, अग्निशमन सेवा, हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम के चालक व परिचालक, राज्य दुग्ध फैडरेशन और दुग्ध सहकारी समितियों के दूध आपूर्ति सेवा पर कार्यरत कर्मी, चुनाव आयोग द्वारा अधिकृत स्थानीय मीडिया कर्मचारी, जल शक्ति विभाग में कार्यरत पंप ऑप्रेटर और टर्नर तथा राज्य बिजली बोर्ड में कार्यरत इलैक्ट्रिशियन व लाइनमैन को पोस्टल बैलेट के माध्यम से मतदान करने की सुविधा दी गई है। संबंधित विभागों के नोडल अधिकारी यह प्रमाणित करेंगे कि अमूक कर्मचारी या अधिकारी अनिवार्य सेवाओं में तैनात हैं। इसी के आधार पर इन कर्मचारियों को पोस्टल बैलेट की सुविधा मिलेगी।

41139 ने किया है पोस्टल बैलेट के लिए आवेदन

हिमाचल प्रदेश में 80 वर्ष से अधिक आयु, दिव्यांग तथा आवश्यक सेवाओं में तैनात 41139 मतदाता बैलेट पेपर से वोट करेंगे। मतपत्र से वोट डालने में सबसे अधिक रूचि 80 साल से ऊपर के मतदाताओं ने दिखाई है। 80 साल से ऊपर के 30856 मतदाताओं ने 12-डी फॉर्म भरकर संबंधित रिटर्निंगअधिकारी को सौंपा है। इसके अलावा दिव्यांग श्रेणी में पीडब्ल्यूडी मतदाता 8561 तथा आवश्यक सेवाओं में तैनात 1722 मतदाता हैं, जिन्होंने बैलेट पेपर से वोट देने के लिए आग्रह किया है।

घर जाने से पहले टीमे मतदाताओं सहित प्रत्याशियों को करेगी सूचित
हर पोलिंग बूथ पर गठित टीम संबंधित मतदाता के घर पर जाकर उससे वोट कराएगी। घर पर जाने से पहले टीमे मतदाताओं सहित संबंधित विधानसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे सभी प्रत्याशियों की इसकी सूचना देगी ताकि वह या उनके प्रतिनिधि टीमों के साथ जाकर पोस्टल बैलेट से मतदान करवाए। साथ ही पारदर्शिता बनाए रखने के लिए इस पूरी प्रक्रिया की वीडियो ग्राफी भी की जाएगी। प्रत्येक टीम को 30 से 50 मतदाताओं को वोट करवाने का दायित्व सौंपा गया है।

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