उत्तराखंड

उत्तराखंड में लगातार बारिश से जन जीवन अस्त- व्यस्त, पहाड़ से लेकर मैदान तक की नदियों का जलस्तर पहुंचा उफान पर

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। पहाड़ से लेकर मैदान तक की नदियाें का जल स्तर बढ़ा गया है। काली, गोरी, सरयू, गोमती, शारदा, गौला और कोसी नदी उफान पर हैं। शारदा, गौला और कोसी बैराज के गेट खोल दिए गए हैं। कुमाऊं मंडल के तीन जिलों में आज भी स्कूलों को बंद रखा गया है। अल्मोड़ा जिले के सल्ट में एक घर पर पाहाड़ी से मलबा आने से ग्रामीण की मौत हो गई, जबकि 24 बकरियां दफन हो गईं। पर्वतीय रास्तों में कई स्थानों पर पेड़ गिरे हैं। टनकपुर पिथौरागढ़ हाईवे कई स्थानों मलबा आने से बंद है। रामनगर के धनगढ़ी नाले के उफान पर आने से कुमाऊं का गढ़वाल से संपर्क फिलहाल कट गया है। भूस्खलन से कई भवन खतरे की जद में आ गए हैं।

कुमाऊं में 70 से अधिक सड़कें बंद

कुमाऊं में वर्षा का क्रम जारी है। नदी एवं झीलों का जलस्तर बढ़ गया है। तवाघाट-लिपुलेख, थल-मुनस्यारी, चंपावत-पिथौरागढ़ नेशनल हाईवे समेत 70 से अधिक सड़कें भूस्खलन और मलबा आने से बंद हैं। सीमांत पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिले के उच्च हिमालयी गांवों तक हिमपात हो रहा है। नैनीताल व भीमताल झील के लबालब होने के बाद निकासी गेट रविवार से ही खोल दिए गए।

धनगढ़ी नाला उफान पर, गढवाल से संपर्क कटा

धनगढ़ी नाले के उफान पर आने से गढ़वाल से कुमाऊं से का संपर्क रामनगर से फिलहाल कट गया है। तड़के से ही धनगढ़ी में बहाव ज्यादा होने से वाहनों का लंबा जाम लगा हुआ है। वाहन जहां तक फंसे हुए हैं। सरकारी कर्मचारी भी धनगढ़ी में फंसे हुए हैं। मौके पर प्रशासन द्वारा मलबे को हटाने के लिए जेसीबी भी खड़ी की हुई है।नायब तहसीलदार दयाल मिश्रा ने बताया कि पानी लगातार बढ़ता जा रहा है। पानी कम होने के बाद ही मलवा हटवाया जाएगा। उसके बाद ही सड़क आवाजाही लायक हो पाएगी। रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर चेतावनी के निशान से ऊपर 34000 क्यूसेक पहुंच गया है। वहीं पेड़ गिरने से रामनगर में विधुत आपूर्ति बाधित है।

सल्ट में मकान पर पहाड़ी से आया मलबा

अल्मोड़ा जिले के सल्ट के पीपना गांव में लक्ष्मण सिंह ( 55 वर्ष) के मकान के पिछले हिस्से में मध्यरात्रि बाद पहाड़ी दरक गई। जिसमें उनकी मौत हो गई और 24 बकरियां भी दफन हो गईं। हादसे के समय लक्ष्मण सिंह की पत्नी और पुत्र दूसरे मकान में सोने चले गए थे। इससे उनकी जान तो बच गई मगर मूसलधार वर्षा ने महिला का सुहाग व पुत्र के सिर से पिता का साया छीन लिया। इधर लगातार वर्षा के कारण मृतक का शव और बकरियों को मलबे से बाहर नहीं निकाला जा सका है।

सल्ट के पूनाकोट गांव में दोमंजिला मकान ध्वस्त

जगह जगह भूस्खलन से रानीखेत व रामनगर बीच सड़क संपर्क भंग हो गया है। वहीं मूसलधार वर्षा में पूनाकोट गांव में शंकर सिंह पुत्र गंगा सिंह का दोमंजिला मकान ध्वस्त हो गया। ग्राम प्रधान गीता देवी ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही बुजुर्ग अपने इलाज के लिए दिल्ली अपनी विवाहिता पुत्री के पास गए है। पिछले चार दिनों से लगातार वर्षा के कारण मकान ढ़ह गया।

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